Saturday, May 12, 2007

हमको एलर्जी हो गई...

छींक मार मारकर हर नस हमारी हिल गई
क्या बतायें यारों हमको एलर्जी हो गई
कह रहें हैं मित्र
और दिल खोलकर बधाई भी दे रहें हैं मित्र
ये रोग बड़े लोगों के तुझको कैसे हो गये
छोड़कर हमें अब तुम शामिल बड़ों में हो गये
कुछ यूँ हमारी गिनती
यारों बड़ों में हो गई
क्या बतायें यारों हमको एलर्जी हो गई..
जब हमने यह जाना तो सिर अपना धुन लिया
हमको एलर्जी क्योंकि अब फ़ूलों से हो गई
दुनियाँ दिवानी जिसकी उससे ही दूरी हो गई
क्या बतायें यारों हमको एलर्जी हो गई..
है दवा जरूरी पर दुआ भी चाहिये

अपनों के सहारे हालत जरा संभल गई
क्या बतायें यारों
हमको एलर्जी हो गई..

सब राम की माया है...

काँशीराम के रथ की
माया सारथी बन गई
आज देखो यूपी में
माया की चल गई
हारे थे तुम जब
कुछ यूँ कहा था तुमने
"तिलक तराजू और तलवार
इनको मारो जूते चार"
पा गये बहुमत जो
सभी का सम्मान किया
लोकतंत्र की जीत में
माया मिसाल बन गई
आज देखो यूपी में
माया की चल गई
हारे अभिनेता जो
बन रहे थे नेता
वो नेता भी हारे
जो सिर्फ़ थे अभिनेता

दलालों की मंडी में
नीलाम साईकिल हो गई
आज देखो यूपी में
माया की चल गई
नफ़रतों की आँधियों में
कुछ कमल क्या खिल गये
मान लिया तुमने की
मौसम बदल गये

राम सबके ह्रदय में
माया भी मिल गई
आज देखो यूपी में
माया की चल गई

Tuesday, May 08, 2007

श्रीमान श्रीमती...

सुनो जरा श्रीमान जी
ना बनिये नादान जी
जानो अपना मान जी
पत्नि हैं आपकी श्रीमती
समझो ना उनको मूढ़मति
..............
सुनो जरा ओ श्रीमती जी
बनिये ना यूँ अनजान जी
पति हैं आपके श्रीमान जी

उनके मान से मर्यादा है
रखें जरा इसका ध्यान जी