Tuesday, July 31, 2007

पृष्ठभूमि...

आजकल हर छोटी बड़ी बात पर
हो जाता है संघर्ष
बह जाता है खून
पहले की तरह
अब कम ही निकलता है
बातचीत और शान्ति से
समस्याओं का समाधान


आज फ़िर दुर्योधन ठुकरा रहें हैं
कृष्ण का शान्ति संदेश
और बना रहें हैं बंदी
इंसानियत और प्रेम को


धृतराष्ट्र का मन
आज भी यही कह रहा है
मन का बुरा नहीं है
मेरा दुर्योधन
प्रतिभावान दानवीर कर्ण भी
दे रहें हैं अधर्म का साथ
और पितामह निभा रहें हैं
अपनी अंधी निष्ठा


सब मिलकर फ़िर
बना रहें हैं
एक और युद्ध की पृष्ठभूमि
जिसमे मारे जायेगें
कर्ण और दुर्योधन
नहीं बच सकेंगें पितामह
और समय से पहले ही
मारा जायेगा वीर अभिमन्यु

8 comments:

  1. बहुत समय बाद लौटे.सब ठीक ठाक तो है? अब लगातार जारी रहो.

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  2. सशक्त अभिव्यक्ति. सरल और सहज भाषा प्रवाह . मन को छू लेने वाली रचना.

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  3. VY95Km Your blog is great. Articles is interesting!

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  4. apJs20 Wonderful blog.

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  5. actually, that's brilliant. Thank you. I'm going to pass that on to a couple of people.

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आपकी टिप्पणी और उत्साह वर्धन के लिये हार्दिक आभार....